RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Apr-2023

रिश्ता

रिश्ता एक एहसास में बंद 
ख्वाहिश था जिसकी चाहत 
मैंने एक अजनबी से कर लीं
तेरे बिन उसका अर्थ अक्सर 
अधूरा ही रहा जब तूने मेरे 
ज़हन में खुद के लिए एक सवाल 
छोड़ दिया, तब रिश्ते का एहसास 
मेरे ज़ख्मों में उतरकर मेरे वजूद को‌ 
खोखला कर मेरे एहसासों को
रिश्ते के मोह से मुक्त कर 
एक सवाल में बांध गया। 
राखी सरोज 

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6 Comments

Punam verma

04-Apr-2023 08:57 AM

Very nice

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अदिति झा

04-Apr-2023 07:46 AM

V nice 👍🏼

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बहुत खूब

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